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Saturday 12 August 2023

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ओजस्वी रचनाओं के कवि 'गोपाल सिंह नेपाली' आज भी करते हैं साहित्य प्रेमियों के दिलों पर राज

11 अगस्त 1911 को जन्मे कवि गोपाल सिंह नेपाली हिंदी साहित्य प्रेमियों के दिल पर हमेशा राज करते रहेंगे. उन्हें जितना प्रेम अपने देश से था, उतना ही प्रेम हिंदी भाषा से भी था. कवि-सम्मेलन में जाते समय बिहार के एक रेलवे प्लेटफार्म पर 17 अप्रैल 1963 को उनका निधन हो गया. उन्होंने हिंदी फिल्मों के लिए गाने भी लिखे. निर्माता-निर्देशक के तौर पर उन्होंने 'नजराना', 'सनसनी' और 'खुशबू' का निर्माण भी किया था. प्रस्तुत है उनकी सबसे बेहतरीन रचना, "हिंदी है भारत की बोली, तो अपने आप पनपने दो…"

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