Add

Friday 30 June 2023

thumbnail

अशक वजपय क मशहर कवय-सगरह 'कछ रफ कछ थगड' स गयरह चनद कवतए

बहुआयामी कवि-लेखक अशोक वाजपेयी सिर्फ प्रश्नों के कवि नहीं हैं, बल्कि समग्र जीवन की उच्छल अनुगूंजों के कवि हैं. उनकी कविताएं प्रश्न पूछने की बजाय, उत्तर की तलाश करती है. जीवन और समाज के ऐसे प्रश्नों के उत्तर, जिन्हें कविताओं के माध्यम से पूछना लगभग बंद कर दिया गया है. उन्हें सिर्फ 'देह और गेह' का कवि कहना सही नहीं, बल्कि वे समग्र अनुभूतियों को शब्द देने वाले कवि हैं. अशोक वाजपेयी समय-बिद्ध और समय-बद्ध कवि नहीं बल्कि या तो समय से बहुत पीछे जाते हैं या फिर अपने समय से बहुत आगे जाकर जीवन-समाज के ऐसे प्रश्नों को सामने लाते हैं, जो पाठक को उद्वेलित कर देते हैं. आइए पढ़ते हैं अशोक वाजपेयी के बहुचर्चित ग्यारहवें कविता-संग्रह 'कुछ रफ़ू कुछ थिगड़े' से ग्यारह चुनिंदा कविताएं…

from Latest News देश News18 हिंदी https://ift.tt/Kqw9Abp

Subscribe by Email

Follow Updates Articles from This Blog via Email

No Comments

Thank You For Comment

About

Search This Blog

Blog Archive

Powered by Blogger.

खराब बैटिंग ले डूबी... चौथी हार के बाद कैप्टन का बल्लेबाजों पर फूटा गुस्सा

दिल्ली कैपिटल्स ने गुजरात टाइटंस को 8. 5 ओवर में हराकर आईपीएल 2024 में अपनी तीसरी जीत दर्ज की. गुजरात की बल्लेबाजी बुरी तरह फ्लॉप पर रही. गु...