पीड़िता एक न्यायिक अधिकारी की बहन है. हाईकोर्ट ने कहा कि भले ही किसी मामले में शिकायतकर्ता किसी न्यायिक अधिकारी का रिश्तेदार हो, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि किसी आपराधिक मामले में खड़े होने, लड़ने और अदालतों से न्याय मांगने के लिए उसके पास दूसरों की तुलना में कम अधिकार हैं.
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