नादपुरम की विशेष फास्ट ट्रैक अदालत के न्यायाधीश सुहैब एम ने यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण अधिनियम (पॉक्सो) के तहत बच्ची का यौन उत्पीड़न करने के अपराध में यह सजा सुनाई. लोक अभियोजक (पीपी) मनोज अरूर ने बताया कि 20 वर्ष जेल की सजा के अलावा अदालत ने दोषी पर 65 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है.
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